
वाराणसी कचहरी में मंगलवार को एक दर्दनाक और शर्मनाक घटना सामने आई जब दर्जनों वकीलों ने सब इंस्पेक्टर मिथिलेश प्रजापति और दो पुलिस कांस्टेबल पर सरेआम हमला कर दिया। हमले में दरोगा की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
पुलिस द्वारा जब CCTV फुटेज खंगाली गई तो पूरी घटना की पुष्टि हुई। फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैसे वकीलों की भीड़ ने पुलिसकर्मियों को घेरकर बुरी तरह पीटा।
मामला क्या था? भूमि विवाद से शुरू हुआ बवाल
पुलिस आयुक्त, वाराणसी के अनुसार यह पूरी घटना भूमि विवाद से जुड़ी थी। एक वकील और उनके विरोधियों के बीच हुए झगड़े के बाद पुलिस ने शांति भंग करने का मामला दर्ज किया था। इसी कार्रवाई से नाराज़ होकर वकीलों ने मंगलवार को कोर्ट परिसर में हंगामा कर दिया और पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया।
FIR दर्ज, जांच जारी
पुलिस ने घटना के बाद तुरंत एक्शन लेते हुए 10 वकीलों को नामजद किया और करीब 50 अज्ञात वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मामले की विस्तृत जांच चल रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

ट्रॉमा सेंटर में दरोगा की हालत नाजुक
हमले में गंभीर रूप से घायल हुए SI मिथिलेश प्रजापति को वाराणसी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर लेकिन चिंताजनक बनी हुई है।
कानून के मंदिर में हिंसा – क्या यही न्याय है?
इस घटना ने पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था और कोर्ट परिसर की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर वकील न्याय के प्रहरी माने जाते हैं, वहीं कोर्ट में ही कानून के रखवालों को पीटना एक गंभीर संकेत है कि न्याय व्यवस्था में कहीं न कहीं संयम और मर्यादा की डोर टूट रही है।
